Friday, 18 October 2013

साउथ दिल्ली की तंग गलियों में फैले कूड़े-कचरे को उठाने के लिए साउथ एमसीडी ने नई पहल की है

तंग गलियों से भी कूड़ा उठाएंगे ये रिक्शे 0 नवभारत टाइम्स | Jun 27, 2013, 08.00AM IST सिविक सेंटर : साउथ दिल्ली की तंग गलियों में फैले कूड़े-कचरे को उठाने के लिए साउथ एमसीडी ने नई पहल की है। इन गलियों में डोर टु डोर गारबेज कलेक्शन के लिए और घरों के बाहर सड़क पर पड़े कूड़े को उठाने के लिए साउथ एमसीडी नए तरह के रिक्शे ला रही है। साइकल से खींचे जाने वाले इन रिक्शों की डिजाइन दूसरे रिक्शों से काफी अलग होगी और इनकी बॉडी भी फाइबर की होगी, जिससे इन्हें आसानी से खींचा जा सकेगा। साउथ
एमसीडी के डायरेक्टर (प्रेस एंड इन्फर्मेशन) मुकेश यादव के मुताबिक, वैसे तो साउथ एमसीडी ने गारबेज कलेक्शन के लिए हर वॉर्ड में दो या तीन ऑटो टिपर लगा रखे हैं, लेकिन बड़ी साइज की वजह से ये टिपर अनधिकृत कॉलोनियों की तंग गलियों के अंदर नहीं जा पाते हैं। ऐसे में इन गलियों में रहने वाले लोग या तो घरों के बाहर ही कूड़ा फेंक देते हैं या फिर उन्हें कचरा फेंकने के लिए गली से बाहर निकलकर जाना पड़ता है। इसी को देखते हुए अब साउथ एमसीडी नए तरह के रिक्शे खरीदने जा रही है, जो इन तंग गलियों में भी जाकर कूड़ा-कचरा इकट्ठा कर सकेंगे। साउथ एमसीडी ऐसे 3000 रिक्शे खरीदेगी। पहली खेप के रूप में 375 रिक्शे अगले महीने तक एमसीडी को मिल जाएंगे, जिन्हें अनधिकृत और नियमित हुई अनधिकृत कॉलोनियों के अलावा उन इलाकों में लगाया जाएगा, जहां सड़कें और गलियां संकरी हैं। अपनी जरूरतों को देखते हुए साउथ एमसीडी ने ये रिक्शे भी खास तरह से डिजाइन करवाए हैं और इसी वजह से इनकी कीमत भी सामान्य रिक्शों से ज्यादा है। यादव ने बताया कि इन रिक्शों की बॉडी पूरी तरह फाइबर की है, जिससे लोड कम रहेगा। फाइबर बॉडी पर आगे और पीछे की तरफ साउथ एमसीडी का लोगो लगाया जाएगा, वहीं दाईं और बाईं तरफ 'साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन' लिखा जाएगा। साथ ही रिक्शे पर चालक का नाम, फोन नंबर और जोन का नाम भी लिखा जाएगा। इनकी कपैसिटी 400 क्यूबिक लीटर की होगी और ये 1 टन तक के वजन को भी कैरी कर सकेंगे। हैवी लोड कैरी करते वक्त रिक्शे का बैलेंस बना रहे, इसलिए रिक्शे में पीछे की तरफ दो हैवी ड्यूटी टायर लगाए हैं। फ्रंट में एक टूल बॉक्स लगाया जाएगा, वहीं निचले हिस्से में कूड़ा उठाने में काम आने वाले सामान को रखने का स्पेस भी मुहैया कराया जाएगा। एक रिक्शे की लागत करीब 17 हजार रुपये है। इनकी खरीद के लिए साउथ एमसीडी ने अलग से फंड पास कर रखा है। रिक्शों की रिपेयरिंग के लिए सेंट्रल और वेस्ट जोन में रिपेयरिंग सेंटर भी खोले जा रहे हैं। एमसीडी के नेताओं को उम्मीद है कि इससे साउथ एमसीडी में सफाई-व्यवस्था सुधरेगी और उसका फायदा आम लोगों को मिलेगा।

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