Monday, 19 May 2014

रेग पिकर्स कल्याण योजना के तहत वर्दी, जूते और दस्ताने उपलब्ध कराए जाएंगे

रेग पिकर्स कल्याण योजना के तहत वर्दी, जूते और दस्ताने उपलब्ध कराए जाएंगे

    रायपुर, 16 फरवरी 2012
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शहरों में कचरा बीन कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले गरीबों के कल्याण के लिए नई योजना शुरू की है। रेग पिकर्स कल्याण योजना के नाम से प्रारंभ इस योजना के तहत प्रत्येक पुरूष हितग्राही को दो जोड़ी वर्दी, गमबूट, दस्ताने, एक पंजा, कचरा एकत्र करने के लिए पॉलिथिन बैग्स और परिचय पत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। महिला हितग्राहियों को दो साड़ियां और अनुषांगिक वस्त्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए संबंधित निकायों को प्रति हितग्राही 22 सौ रूपए की अनुदान राशि आवंटित की जाएगी। यह अनुदान राशि राज्य शहरी विकास अभिकरण द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी।
    राज्य शहरी विकास अभिकरण के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि नगरीय निकायों में अनेक गरीब व्यक्ति कचरे से कागज, पॉलिथिन, लोहा, कांच और अन्य पुनर्चक्रित (रिसाईकल) करने योग्य अपशिष्ट पदार्थ एकत्र कर और उन्हें बेच कर जीविकोपार्जन करते हैं। ऐसे लोगों को सुरक्षित तरीके से उनका व्यवसाय करने के लिए रेग पिकर्स कल्याण योजना प्रारंभ की जा रही है। योजना के तहत कचरा बिनने के कार्य में संलग्न हितग्राहियों का सर्वेक्षण् कर पात्र हितग्राहियों का पंजीयन किया जाएगा। योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के महिला और पुरूष हितग्राही पात्र होंगे। एक परिवार से एक से अधिक सदस्यों को भी योजना का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अधिकारियों को योजना के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर हितग्राहियों की पहचान कर सूची उपलब्ध कराने को कहा गया है, ताकि योजना के क्रियान्वयन के लिए संबंधित निकायों को राशि आवंटित की जा सके।

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